भारत में मसालों का सबसे फेमस Brand हैं MDH. यानीमहाशियां दी हट्टी' इस महाशियां दी हट्टी की शुरुआत की थी चुन्नी लाल गुलाटी ने। चुन्नी लाल गुलाटी, धर्मपाल गुलाटी के पिताश्री थे। वही धर्मपाल गुलाटी जो MDH मसालें के हर Ads में दिखाई देते थे। महाशियां दी हट्टी को MDH के रूप में मसालों का सबसे प्रसिद्ध ब्रांड बनाने का श्रेय इन्हीं को जाता हैं।
लेकिन ऐसा कुछ नही हैं। फिर भी सवाल ये हैं कि MDH के Ads में धर्मपाल जी की जगह किसने ले ली?
इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको MDH प्राइवेट लिमिटेड का इतिहास (History of MDH Private Limited) जान लेना चाहिए।
MDH का इतिहास
बात वर्ष 1919 की हैं जब धर्मपाल गुलाटी के पिता चुन्नीलाल गुलाटी ने सियालकोट(जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हिस्सा हैं) में महाशियां दी हट्टी नामक छोटी से कंपनी की शुरुआत की लेकिन जब धर्मपाल गुलाटी ने इसकी बागडोर संभाली तो इसेमहाशियां दी हट्टी से बना दिया MDH. जो आज मसालों का जाना माना ब्रांड हैं। कहा जाता हैं कि बंटवारे के बाद जब गुलाटी परिवार भारत आया तो इस कंपनी को फिर से भारत में शुरू किया गया और वो भी महज ₹ 1000 की शुरुआती पूंजी लगाकर। पर आज ये कंपनी लगभग 2000 करोड़ तक पहुंच गई हैं जिसका पूरा श्रेय धर्मपाल गुलाटी को दिया जाता हैं।
इन्हें व्यापार और उद्योग जगत में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्म भूषण अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका था।
राजीव गुलाटी (Rajeev Gulati)
2020 में 98 वर्ष की उम्र में धर्मपाल गुलाटी के स्वर्ग वास के बाद उनके बेटे राजीव गुलाटी (Rajeev Gulati son of Dharampal Gulati) ने कम्पनी की बागडोर अपने हाथ में ले ली और विरासत को आगे बढ़ाने का जिम्मा उठाया। राजीव गुलाटी भी अपने पिता धर्मपाल गुलाटी की तरह MDH मसालों का विज्ञापन स्वंय करते देखे जा रहें हैं। यानी MDH मसालों के विज्ञापनों में जो शख्स धर्मपाल जी की जगह दिखाई दे रहा हैं वो कोई और नही बल्कि उनका ही बेटा हैं और कंपनी का चैयरमेन भी।
जिसका मतलब हैं कि कंपनी बिक नही रही बल्कि महाशय चुन्नीलाल और महाशय धर्मपाल गुलाटी की विरासत को राजीव गुलाटी आगे ले जा रहें हैं।
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