ऐसे लोगों को ब्रिटिश सरकार द्वारा पंखावाला कहा जाता था जिनका काम दिन भर बिना रुके या आराम किए अपने पैर से बँधी डोर से ब्रिटिश हुक्मरानों के लिए पँखा करना पड़ता था।
और इस काम के लिए बहरे और शक्तिशाली लोगों को लिया जाता था
ताकि उन्हें कम आराम मिले और बहरा होने से वे ब्रिटिशों की गुप्त बात न सुन सकें।
थोड़ी देर भी आराम करने पर मासूम लोगों को अंग्रेजो द्वारा बेरहमी से मारा पीटा जाता था..
और अगर कोई बेहोश भी जो जाए तो उसे हटा कर किसी दूसरे भारतीय को इस काम में झोंक दिया जाता था।
उन्हें खाने पीने तक कि इजाज़त नहीँ दी जाती थीं क्योंकि बेरहम अंग्रेज अपने आराम में, पँखे की हवा में थोड़ा भी खलल नहीं आने देना चाहते थे।
छवि एवं जानकारी स्त्रोत : गूगल, The Friday Times एवं
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